लेखनी प्रतियोगिता -16-Feb-2023 सबको प्यारी यह महक
महेंद्र अलसी कामचोर पुरुष था। वह सुबह से रात तक एक ऐसी तरकीब सोचता रहता था कि जिससे वह बिना मेहनत का कार्य करें रातों-रात अमीर हो जाए और एक उसकी गंदी और छोटी सोच थी कि जल्दी से आठ दस लड़के पैदा कर देता हूं, जिससे कि सारे लड़के काम कर के घर में पैसा लाएंगे, तो मेरी गरीबी दूर हो जाएगी और लड़कों की कमाई से मेरा बुढ़ापा भी मौज मस्ती से गुजरेगा। उसके लिए लड़के कमाई का साधन थे।
इसलिए वह पांच वर्ष में ही अपनी पत्नी मालती को तीन बार मां बना देता है। लेकिन तीनों बार उसके घर बेटियों का जन्म होता है। बेटियों के जन्म के बाद वह अपनी पत्नी से शराब पीकर दूसरे तीसरे दिन झगड़ा करने लगा था। और तीनों बेटियों को बोझ समझकर उनसे नफरत करने लगा था।
और एक दिन कारखाने की नौकरी छोड़ देता है। और अपनी कमजोर बीमार पत्नी के साथ मारपीट करके जबरदस्ती अपनी पत्नी को एक फैक्ट्री में नौकरी पर लगा देता है। और खुद घर पर आराम करता है।
एक रात शराब के नशे में अपना गरम स्वेटर और घड़ी जुए में हारकर घर आता है। उस रात पत्नी से झगड़ा करके अपने घर की छत पर सोने चला जाता है। और फिर रात को ठंड लगने से बीमार हो जाता है। मालती पड़ोस के किसी व्यक्ति से कर्ज लेकर उसका इलाज करवाती है।
और जिस दिन मालती को पहली तनख्वाह मिलने वाली थी, उस दिन सुबह से ही खुशी में मालती के आने का इंतजार करता है। मालती जब देर रात तक घर नहीं आती तो वह मालती को ढूंढने उसकी फैक्ट्री जाता है। फैक्ट्री का चौकीदार बताता है कि "मालती तो शाम को तनखा लेकर घर चली गई है।"
महेंद्र जब अपने घर वापस आ रहा था तो उसे मालती के साथ काम करने वाला एक कर्मचारी मिलता है। वह उसे बताता है कि "मालती को तो मैंने बाजार की तरफ जाते हुए देखा था जहां बस अड्डा है।" महेंद्र घर में खाना नहीं बना है यह कहकर उस आदमी से ही कुछ पैसे उधार ले लेता है। और उन पैसों से शराब पीकर अपने घर आता है।
घर आकर महेंदर नशे मे मासूम और छोटे बच्चों से कहता है कि "तुम्हारी मां मेरे सर तुम सब को पालने के लिए छोड़ कर भाग गई है।" और जब छोटी बेटी रोते-रोते चुप नहीं होती तो अपने मन में सोचता है पहले इसे जंगल में फेंक कर अपना बोझ हल्का कर देता हूं। उसके बाद एक-एक करके इन दोनों लड़कियों को भी कहीं छोड़ आऊंगा।
महेंदर सबसे छोटी बेटी को गोदी में लेकर गांव के कच्चे रास्ते से जंगल की तरफ जाने लगता है। रात को कच्चे रास्ते पर नशे में किसी चीज से टकराकर जमीन पर गिर जाता है। और उसकी छोटी बेटी कच्चे रास्ते से अलग झाड़ियों के पास जाकर जमीन पर जाकर गिर जाती है।
उसकी बेटी घर से कच्चे रास्ते तक रोते-रोते चुप नहीं हुई थी लेकिन जमीन पर गिरने के बाद बिल्कुल चुप हो जाती है। महेन्द्र सोचता है शायद जमीन पर जोर से गिरने की वजह से उसकी लड़की मर गई है। महेन्द्र मन में खुश होता है कि चलो एक से तो आज जान छूट गई है।
लेकिन फिर एक बार सोचता है कि आखरी बार उसका चेहरा तो देख लूं जैसे ही महेंन्द्र अपनी बेटी को मरा हुआ देखने उसके पास जाता है। तो देखता है कि उसकी बेटी घुटने घुटने चलकर झाड़ियों की तरफ जा रही है और झाड़ियों के पास दो जहरीले सांपों का जोड़ा बैठा हुआ है। महेन्द्र सोचता है दो दो सांपों के काटने से मेरी बेटी की बहुत तड़प तड़प कर मौत होगी।
इसलिए वह सांपों से बचाने के लिए अपनी बेटी को वहां से गोदी में उठाने उसके पास जाता है। और उसकी नजर जैसे ही झाड़ियों के बीच में जाती है तो वहां उसकी पत्नी बेहोश पड़ी हुई थी। उसके एक हाथ में दूध की थैली थी और दूसरे हाथ में महेंद्र का गर्म नया स्वेटर वह जल्दी से अपनी पत्नी और बेटी को साफ सुरक्षित जगह उठाकर ले आता है।
और पास के गड्ढे में से पानी लेकर अपनी पत्नी के चेहरे पर डालकर उसे होश में लाता है। पत्नी होश में आने के बाद बताती है कि "मैं बाजार तुम्हारा लिए नया स्वेटर लेने गई थी और रास्ते में बच्चों के पीने के लिए दूध लिया था। मैं जब घर आ रही थी तो अचानक पीछे से एक जंगली नीलगाय ने मुझे इतनी जोर की टक्कर मारी कि मैं बेहोश होकर झाड़ियों में गिर गई।"
महेंद्र पत्नी की बात सुनकर पत्नी के हाथ से नया गर्म स्वेटर लेकर पहन लेता है और फिर पत्नी और बेटी को गले लगकर कहता है कि "आज मां की ममता की महक को पहचान कर हमारी बेटी ने अपनी मां की जान की रक्षा की है।" और इस घटना के बात महेंद्र मेहनती जिम्मेदार ईमानदार पुरुष बनकर अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठाना शुरू कर देता है।
Abhilasha Deshpande
17-Feb-2023 11:20 AM
nice
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अदिति झा
17-Feb-2023 09:15 AM
Nice 👍🏼
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Abhinav ji
17-Feb-2023 08:50 AM
Very nice 👍
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